
Parameters
Meer over het boek
इन कविताओं का स्वर और अनुभव स्त्री होने की नियति के तीव्र एहसास से उत्प्रेरित रचनाएं हैं। स्मृतियों की बंद और खुलती मुट्ठी के बीच पदमा सिंह ए से शोकगीत की सिंफनी रचती हैं जिसमें धरती और आसमान के बीच बिखरती और फेंकी जा रही, जिंदगी भर दर्द गाती औरतों की आवाजें हैं! इन कविताओं में फुसफुसाती नितांत अकेलेपन की बात चिड़िया होने की तरह है तो मुखर स्वर भी हैं जो षड़यंत्रों की भाषा और इरादों को भांपता उजागर करता है। भीतरी और बाहरी सच्चाइयों को बेधक दृष्टि से कुरेदने की कोशिश में ये कविताएं समुद्र, पहाड़, आसमान, नदी, पेड़ पौधों, वनस्पति जगत सहित पशुओं, जीव जंतुओं और परिंदों को भी शिद्ध के साथ अपने में शामिल करती हैं। पत्थरों होने के शाप की तमाम चीखों और वजूद के तलाश की कठिन स्थितियों के साथ ही इन कविताओं में बसंत की प्रतीक्षा और रागात्मक धूप छोह का खेल भी है जो सपने देखने की जुर्रत का ही दूसरा पहलू है।
Een boek kopen
BASANT KE INTEZAR MEIN, A.D. Padmasingh Isaac
- Taal
- Jaar van publicatie
- 2024
- product-detail.submit-box.info.binding
- (Paperback)
Betaalmethoden
Nog niemand heeft beoordeeld.